Waqt


काफी वक्त बाद आज मैं वापस आया हु,

और कुछ शब्द लिख कर मैं फिर से वापस चला जाऊंगा,

चेहरे पर मुस्कान तो हैं पर आंखों में सपनो के साथ साथ आसू भी हैं,

काश जो वक्त गुजर चुका हैं उसको वापस ला पाते,

ये वक्त भी थकता नहीं हैं बस चलता ही रहता हैं,

काश ऐसे ही हमारे दुख होते बस चले जाते,

दिल भारी हैं काफी पर चेहरे पर मुस्कान फिर भी हैं,

ये वक्त ने ही दिखाया हैं कि कौन अपना हैं,

वक्त कितना आसान हैं बोलना और कितना मुश्किल हैं इसे समझना,

ये रात हैं जो वक्त का एहसास दिलाता हैं और वक्त की यादें जगाता हैं,

ये वक्त की बातें हैं और वक्त ही नहीं हैं हमारे पास,

ये वक्त ने बहुत कोशिश करी हैं तोड़ने की पर अब मुस्कुराने की आदत पड़ गई हैं,

अगर वक्त ने साथ दिया तो मैं फिरसे वापस आऊंगा,

मैं फिरसे अपनी कुछ बिचिडी हुई यादें लिख दूंगा और चला जाऊंगा,

खैर ये वक्त भी गुजर जाएगा हर वक्त की तरह ... 


– आदित्य दुबे



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