सब्र कर क्या पता,
कुछ अच्छा हो जाए तेरे साथ,
आखिर इतनी जल्दी क्या है जाने की,
अभी तो जिंदगी शुरू हुई है...
सब्र कर क्या पता,
एक दिन आए कि तू खुश होगा,
अब जो गलती तूने कर दी उसको ठीक तो नहीं कर सकता ना,
पर आगे जरूर बढ़ सकता है...
सब्र कर क्या पता,
अभी तुझे अपनी मोहब्बत पर नाज है,
लेकिन एक दिन आएगा कि तुझे,
सामने वाले की मोहब्बत पर भी नाज़ होगा...
सब्र कर क्या पता,
एक दिन तू खुद को ढूंढ ले,
आखिर वो जिंदगी ही क्या,
जहां तुम खुद को ढूंढो ही ना...
सब्र कर,
हां मानता हूं तुझे अफसोस होता है,
पर तू कुछ कह और कर नहीं सकता,
क्योंकि ना तू किसी का है और ना कोई तेरा है ...
बस सब्र कर ...
- आदित्य दुबे
Sabr kar khushiya milengi
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