हां ठीक हूं मैं,
तुमने पूछा नहीं मुझसे,
पर सोचा बतादू तुम्हे,
बस आंखें थोड़ी सूज सी गई हैं,
दिल थोड़ा भारी भारी सा लगता है,
दिमाग में अब एक ही चीज चलती हैं,
दिल मेरा अब शायद ही धड़कता हैं,
शायद मेरी आंखें तुम्हे हर जगह ढूंढ़ रही हैं,
कभी सोचा नहीं था मैंने की ये दिन भी आएगा,
मुझे कभी भी टूटी हुई चीज पसंद नहीं आई,
पर शायद मैं अब अपने आप को पसंद करता हूं,
खैर एक दिन आएगा शायद जब में आराम कर सकूंगा,
जब तक के लिए में बस चलता ही रहूंगा,
क्यूंकि मैं अब और लड़ना नहीं चाहता हूं,
और जताना नहीं चाहता हूं,
और सहा भी नहीं जाता हैं,
शायद मैं कमजूर हूं रिश्ते निभाने में,
या शायद दूरियां ही सही हैं हमारे बीच,
बस इतना ही चल रहा है दिमाग में,
बाकी तो में ठीक हूं...
- आदित्य दुबे
Masha-Allah! ❤️
ReplyDeleteThanks param!
Delete👌
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