वो इंसान भी तकलीफ में आया,
जो पहले सबको बहुत खुश रखता था।
वो इंसान भी आज रोया,
जो पहले बहुत हस्ता था।
वो इंसान भी लोगो से दूर हुआ,
जो पहले बहुत करीब होता था।
वो इंसान भी अब अपने आंसू छुपाता हैं,
जो पहले एक हंसी के हुआ करते थे।
वो इंसान भी अब खामोश रहता है,
जो पहले कभी बहुत बोलता था।
वो इंसान भी अब अकेला रहता हैं,
जो पहले सबके साथ रहता था।
वो इंसान भी अब दिमाग से सोचता हैं,
जो पहले दिल से सोचा करता था।
वो इंसान तब भी अपनी पुरानी यादें याद करता था,
और आज भी अपनी पुरानी यादें याद करता है।
वो इंसान जो बदला सिर्फ अपने लिए,
पर लगा सबको....
अपना वक़्त सबको दो, क्या पता कल वो रहे या ना रहे? और फिर बाद में हम रोए।।। :)
शुक्रिया
यूंही मुस्कुराते रहे...
आदित्य दुबे
That was deep.
ReplyDeleteA good attempt at writing "Vo Insaan"
ReplyDelete🌼💐 Keep writing
Thank You Vinita
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